Mahtari Vandana Yojana: छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों की सेहत को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। महतारी वंदना योजना के ज़रिए प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं तक लाभ पहुँचाया जा रहा है। हालांकि, इस बीच कुछ गड़बड़ियों की खबरें भी सामने आई हैं। इन्हें रोकने और योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब सरकार ने और सख्ती दिखाने का फैसला किया है।
Mahtari Vandana Yojana: घर-घर सर्वे और सख्त निगरानी
महिला एवं बाल विकास सचिव शम्मी आबिदी ने रायपुर स्थित इंद्रावती भवन में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि महतारी वंदना योजना के लाभार्थियों का घर-घर जाकर सर्वे किया जाए। जिन मामलों में लाभार्थी अपने पते पर उपलब्ध नहीं हैं, दस्तावेज अधूरे हैं या हितग्राही की मृत्यु हो चुकी है, उनकी तत्काल जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से लेकर सुपरवाइजर, सीडीपीओ और डीपीओ तक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
Mahtari Vandana Yojana: केवल औपचारिकता नहीं, गुणवत्ता सुधार पर ज़ोर
बैठक में यह भी कहा गया कि निरीक्षण केवल दिखावे तक सीमित न होकर योजनाओं की गुणवत्ता सुधारने का जरिया होना चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ज़ोर दिया गया है। सचिव ने साफ कर दिया कि टेक होम राशन के वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाए और किसी भी अनियमितता की शिकायत मिलने पर जिम्मेदार अधिकारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Mahtari Vandana Yojana: कुपोषण रोकने के लिए मिशन मोड में काम
महिला एवं बाल विकास सचिव ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण को रोकने के लिए मिशन मोड में काम किया जाए। लक्ष्य यह है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे और माताएं व किशोरियां एनीमिया से मुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं का असली मकसद तभी पूरा होगा जब लाभार्थियों तक सेवाओं का वास्तविक लाभ पहुँचे।
Mahtari Vandana Yojana: राष्ट्रीय पोषण अभियान से जुड़ा प्रयास
1 सितंबर से राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरुआत हो चुकी है, जिसके तहत पूरे प्रदेश में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस अभियान को सफल बनाने और योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पोषण ट्रैकर ऐप का सही उपयोग करने पर भी ज़ोर दिया गया है। सरकार चाहती है कि इस ऐप के जरिए हर गतिविधि की सटीक निगरानी की जाए और बच्चों व माताओं तक योजनाओं का लाभ पूरी तरह से पहुँचे।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना साझा करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी समाचार स्रोतों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। किसी भी प्रकार की नीति, बदलाव या आधिकारिक घोषणा के लिए पाठकों को संबंधित सरकारी विभाग की आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करना चाहिए।
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